सोनीपत के गांव बडोली में ग्रामीणों व हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं का हंगामा: स्कूल में छात्राओं को बुरखा पहनाने पर हंगामा, पुलिस ने संभाला मोर्चा

बडोली गांव में विवाद तब शुरू हुआ जब स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को ईद के मौके पर बुरखा पहनाया गया और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।

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हाइलाइट्स

  • स्कूल में हंगामे की खबर मिलने के बाद सोनीपत पुलिस की कई थानों की पुलिस पहुंची मौके पर
  • शिक्षा विभाग के आदेशों के बाद सर्व धर्म कार्यक्रम का किया जाता है आयोजन
  • सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल और टीचरों पर लगाए हिंदू संगठन के लोगों ने लगाए विशेष धर्म को बढ़ावा देने के आरोप
  • स्कूल प्रिंसिपल प्रवीन गुलिया ने ग्रामीणों और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं बीच आकर माफी मांगी
  • बोली आगे से हिंदू धर्म को ठेस पहुंचाने वाले कार्यक्रम नही होगे स्कूल में
  • हिंदू संगठन व ग्रामीणों ने स्कूल के पूरे स्टाफ के तबादले मांग की
  • जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार बोले: आगे से इस तरह की गतिविधियों पर लगाई जाएगी रोक
  • किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं था कोई मकसद

सोनीपत, (अजीत कुमार): हरियाणा के सोनीपत जिले के एक स्कूल में छात्राओं को बुरखा पहनाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सोनीपत के बडोली गांव स्थित सरकारी स्कूल में ईद के त्योहार पर छात्राओं को बुरखा पहनाने के बाद हिंदू संगठनों और स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। घटना के बाद स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और मौके पर कई थानों की पुलिस पहुंची। फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी तरह की अनहोनी की खबर नहीं है।

जानिए क्या है विवाद का कारण
बडोली गांव में विवाद तब शुरू हुआ जब स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को ईद के मौके पर बुरखा पहनाया गया और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इन तस्वीरों को लेकर ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई और स्कूल में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। जैसे ही यह खबर फैली, पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए स्थिति को संभाला और किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया।

स्कूल में सर्वधर्म कार्यक्रम का आयोजन
सूत्रों के मुताबिक, स्कूल में शिक्षा विभाग के निर्देश पर एक सर्वधर्म कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें ईद भी शामिल थी। इस कार्यक्रम के तहत छात्राओं को बुरखा पहनाया गया था, लेकिन ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने इसे विशेष धर्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम का विरोध किया।

प्रिंसिपल की माफी और ग्रामीणों की मांग
विरोध बढ़ता देख स्कूल की प्रिंसिपल प्रवीण गुलिया ने प्रदर्शनकारियों के सामने आकर माफी मांगी और आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रम नहीं होंगे जो किसी धर्म की भावनाओं को आहत करें। हालांकि, ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने स्कूल के पूरे स्टाफ का तबादला करने की मांग की है।

फिलहाल, पुलिस और प्रशासन की निगरानी में स्थिति शांतिपूर्ण है और मामले को ठंडा करने की कोशिश जारी है।

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