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कुंडलिनी शक्ति जागरण गुरु

वासनाओं को छोड़ मुक्ति का साधन खोज

मानव का जीवन कितनी मुश्किल से मिला इसे इंसान भूल गया इसे अपनी स्वार्थ मोह माया में पड़ा इंसान भग वासनाओं में लिप्त अपने मूल उदेश्य से भटक गया है। शरीर का प्राथमिकता दी आत्मीयता भूल गया। क्या करने आया था मानव और क्या करने लग गया इस…
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