Browsing Tag

world through my eyes

कवि दलीचंद जांगिड सातारा की कलम से: आँखो से संसार निहारता हूँ….

आँखो से संसार निहारता हूँ.... ===================== उगते-डूबते सुरज की लालिमा को निहारती है ये आँखे, प्रात भ्रमण में बाग-बगीचों में फुलों को निहारती ये आँखे। भ्रमण पथ पर मिले प्रेमियों से हाथ मिलाने पर हंसती है ये आँखे, कभी प्रेम से…
Read More...