दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कवि की अलौकिक दुनिया
कवि की अलौकिक दुनिया
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माँ शारदे की उपासना करते करते
कवि पहुंचा अलौकिक दुनिया में
जहा माँ का मिलता है आशिर्वाद
तहा खुलते है ज्ञान के किवाड़
ना भान रहा ना ज्ञान
प्रकाश शून्य सा हो गया…
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