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The height of love

दीपक आहूजा वालों की कलम से: प्यार की पराकाष्ठा

प्यार की पराकाष्ठा क्या प्यार की भी कोई, पराकाष्ठा होती है, यह तो इन नैनों की, हरदम जलती ज्योति है। क्षितिज पर दिखता है, प्रेम अनूठा अनुपम, विश्वास, सम्मान, प्यार का, यह है संगम। जैसे पृथ्वी और आकाश का, हो रहा विलयन, वैसे ही…
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