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The cultured “sevadhari” bahu

कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: सुसंस्कृत “सेवाधारी” बहु

लेखक की कलम से..... परिवार का पिडीजात वंश चलाने के लिए एक "आज्ञाकारी पुत्र" की जरूरत होती है ठीक वैसे ही घर परिवार को चलाने के लिए एक "सुसंस्कृत सेवाधारी बहू" चाहिए होती है, ऐसा कहते हुए समाज में अनेक बूजुर्गों के मुह से हमने आपने सुना…
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