ऑनरी सूबेदार मेजर गोपीचंद की कलम से: धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एक सबक
धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एक सबक
अरे मूर्ख यह एक धोखा है,
अँधेरे का रास्ता और अजीब लगता है।
तुम अपने को बहुत बुद्धिमान समझते हो,
ये एक दिन उठने वाली चीजें हैं।
धोखाधड़ी भी एक अपराध है,
कोई प्रधान नहीं बना।
जीवन के उतार-चढ़ाव…
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