दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: सीताराम सीताराम, सीताराम कहिये
सीताराम सीताराम, सीताराम कहिये,
जाहि विधी राखे राम, ताहि विधी रहिये।
मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में,
तू अकेला नाहिं प्यारे, राम तेरे साथ में।
सीताराम सीताराम सीताराम कहिये,
जाहि विधी राखे राम ताहि विधी रहिये।
विधी का…
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