मुल्क राज आकाश की कलम से: सौगात
मुल्क राज आकाश की कलम से
सौगात
जिसके सिर पर तेरा ही हाथ है
यह तेरी मेहर की ही तो बात है
1... जिसे ना पूछता कोई भी जमाने में
नाम शोहरत है अब जमाने में
अपना कुछ नहीं यह तेरी ही सौगात है
2... गरीब नवाज हे तु हमदर्द गम खार हे तु…
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