कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से : पैसा व सत्ता कुछ बर्षो के मेहमान
महाराष्ट्र: पैसा व सत्ता यह कुछ बर्षो के ही मेहमान होते है, साधारण यही समाज में देखने को मिलता है, उदाहरणार्थ जवानी कुछ बर्षों तक की मेहमान होती है, फिर चली जाती है जो कभी दुबारा लौटकर नही आती है, अगर कोई इस समय का सद्पयोग कर ले तो उतार…
Read More...
Read More...