रामभगत शर्मा की कलम से: निस्वार्थ और निष्काम भाव से की सेवा ही सर्वोत्तम है
आज का सुविचार रुपी मोती
चंडीगढ़: जीवन में जिस भक्त की अन्तर्आत्मा का परमेश्वर सर्वव्यापी भगवान से सीधा तादात्म्य स्थापित हो जाता है उस भक्त के मन में दया और करूणा रुपी उदात्त भावना सहज रूप से ही विकसित हो जाती है। परमात्मा का जो भक्त…
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