काव्यलोक मारवाड़ी कवि प्रकाश चन्द जांगीड़ की कलम से: आज का विचार थोड़ा बड़ा है, पर खरा है। Prakashchand Jangid Read More...
काव्यलोक मारवाड़ी कवि प्रकाश चन्द जांगीड़ की कलम से: ओ हियाळो ठंडो घणो। Prakashchand Jangid मारवाड़ी कविता ओ हियाळो ठंडो घणो। अबकी छाती भरगी, ओ काई कोम करगी, छिकों ऊपर छिकों, थे आजकल नी दिको, धासी ऊपर धासी, कद उनो-उनो आसी, हपीड हियाळो ने होगरा, ठोके देको डोकरा, बारे जावो तो डर आवे, लोग हीदो करोना वतावे ओ… Read More...