कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: माँ प्रथम गुरु है मेरी
✍️ लेखक की कलम से.........
संस्कार व ज्ञान सिखाने वाले इस धरातल पर प्रथम गुरु का नाम है माँ। जन्मदात्री के साथ साथ लालन पालन करते हुए ज्ञान की दायत्री भी है। नाम वाचक किसी भी शब्द को बोलने के लिए शायद पुरा मुंह नही खोलना पड़ता होगा पर…
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