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poet Dalichand Jangid Satara

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: व्हाट्स अप एक विश्वविधालय है

व्हाट्स अप एक विश्वविधालय है साथ ही फैश बुक उसी की बड़ी शाखा है सो इसमे डाले जाने वाले आपके मॅसेज हजारो हजारो लोग पढ़ते है इसीलिए हर मैसेज ज्ञान वर्धक हो या समाज हित का हो इसका विशेष ध्यान हर किसी को रखना चाहिए, राजनीतिक, अंध विश्वास फैलाने…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: जांगिड़ ब्राह्मण समाज का नारा

जांगिड़ ब्राह्मण समाज का नारा ========================== विकास , विकास , ओर सिर्फ विकास अब करेंगे विकास की ओर प्रस्थान अब हमे चाहिये सिर्फ विकास......... वाद विवादो से हुऐ हम परेशान वाद विवादो का युग अब बित चुका है अब विकास का युग…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: काम अमर कर दीनो

काम अमर कर दीनो .......................................... घर घर में गूंजे नाम श्री विश्वकर्मा भगवान रो पूजा पाठ हर रोज कर करे शुरुआत आपणे काम धन्धा री गौडवाड गांव 84 पट्टी रो मंदिर जवाली मे है बड़ भारी उठे भोजनशाला बड़ भारी बणाई…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: अदृश्य तकदीर है मेरी

➡ तकदीर से सवाल जबाव....... ऐ तकदीर मेरी तू कहा रहती है......❓ जरा पता तो बता तेरा ललहाट मे रहती है या फिर हाथ की लकीरो में ईच्छा प्रबल है तुझे मिलने की भाव सुचिया बहुत है मन में तुझे सारी बतानी है कही कर्ज चुकाना बाकी है कही फर्ज…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: टूटते परिवारों की कहानी

✍️ लेखक की कलम से...... प्राचीन काल प्राचीन समय में संयुक्त परिवारों (बड़े परिवार) की थोड़ी बात कर लेते है फिर बात करेंगे वर्तमान के बिखरते (टूटते परिवार) परिवारों की वह बिखरते परिवारों की कहानी को भी समजेंगे सविस्तार से...... प्राचीन…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कवि अमर कहानी का नाम है

कवि अमर कहानी का नाम है ======================= कवि को कभी अलविदा ना कहते मेरे भाई कवि अमर कहानी का नाम है कवि अमिट साक्षी बन आया है धरातल पर कवि अमृत प्याली भर लाया है कविता की कवि भले पंचतत्वों का पूतला है मेरे भाई कवि अमर शब्दों…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कानूड़ा वेगो वेगो आव

कानूड़ा वेगो वेगो आव ======================= पेला मिनकों ऊपर आवियो कोरोना रे अब संकट भारी आयो है रे सगळा गऊ माता पर रे उभी अर्ज करे गऊ माँ थाने रे काना कागदियो लिख भेजू थाने रे कानूड़ा वेगो वेगो आव रे थू तो गायो रो ग्वालो है रखवाल…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: चालो जी चालो रामदेवरा

चालो जी चालो रामदेवरा ##################### 🏃🏾‍♂️दर्शन करवा चालो जी राम देवजी के धाम गांव रामदेवरा रा माएं जठै रुणिचा रा राज बिराजे अठै जीणी जीणी उड़े है गुलाल थाने तो धावै है आखो मारवाड़ धावै है आखो गुजरात जी धीरत चूरमा रों भोग…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: अषिम कृपा विश्वकर्मा भगवान की सातारा विश्वकर्मा मंदीर

अषिम कृपा विश्वकर्मा भगवान की सातारा विश्वकर्मा मंदीर चालोजी चालो चालो म्हारा भईड़ा रे चालो चालो विश्वकर्मा जी रे धाम ओ धाम केवाऐ सातारा मंदीर पेंडसे काँलनी गेंडामाल रा माये अठै लोक लुगाईयो हाथ जोड़ करे विश्वकर्मा जी सू प्रार्थना…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: व्यापारी से बना कवि

🌺|| व्यापारी से बना कवि ||🌺 G.S.T के पहले मैं एक सुप्रसिद्ध व्यापारी था G.S.T ने मुझे कवि बना दिया जब से G.S.T आया तब से व्यापार को अर्जेंट ब्रेक लगा दिया समय का सदुपयोग करो सुन रखा था छोटी आयु में गुरु से इस कारण कविता लिखना…
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