कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मात-पिता को वंदन
मात-पिता को वंदन
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मुझे इस दुनिया में लाया
मुझे बोलना चलना सिखाया
ओ मात-पिता तुम्हें वंदन
मैंने किस्मत से तुम्हें पाया
मुझे इस दुनिया में लाया
मुझे बोलना चलना सिखाया
ओ मात-पिता तुम्हें वंदन
मैंने किस्मत से…
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