कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कवि मन भटकत भ्रान्ति का प्रतिक
✍️ एक लेखक लिख देता है कवि के मन बात.....
कवि मन भटकता रहता है
रात में तन सोता जरुर है
पर......?
कवि मन चलता रहता है
रात में आए विचारों से एक कविता बन जाती है
जो सुबह कागज के पन्नों पर उतर आती है
इसीलिए कहता रहता हूं
"कवि मन भटकत…
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