कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: गणेश चतुर्थी की यादें
गणेश चतुर्थी की यादें
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जो बीत गया जमाना
वो फिर लौटकर नही आता
जो हर बर्ष आते नये नये लोग
वो पुराने लोग नही आते
जो बीत गई गणेश चतुर्थी
वो फिर लौटकर नही आती
जो दो पहिया वाहन रैली का आंनद
वो फिर लौटकर नही आता…
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