कवि दलीचंद जांगिड सातारा की कलम से: उथल – पुथल है या प्रकृति की छीना जोरी ……
उथल - पुथल है या प्रकृति की छीना जोरी ......
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गर्मी पड़ी इस बार 50 से. डिग्री के उस पार,
पाली जोधपुर में मचा था हा हा कार
सारा जीव जगत हुआ गर्मी से बै हाल
लू से जान गवाई अनेकों ने बूजर्गों का हुआ बुरा हाल
अब…
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