मंजू शर्मा की कलम से: दिल के टूकड़े टूकड़े करके मुस्करा कर चल दिये………
जयपुर: दिल के टूकड़े टूकड़े करके मुस्करा कर चल दिये…… यह पंक्ति भलें किसी फिल्मी गीत की रही लेकिन मैं मंजू शर्मा और पदमा प्रजापति एक अच्छे दोस्त एक अच्छे हमसफर, हमसाया, हमजोली रहे। मेरी दोस्त मुझे बीच मझधार में छेाड़ कर चली गई। पदमा ने हमेशा…
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