कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कवि की धनसंपदा
महाराष्ट्र: कवि शब्दों की दुनिया में उपासक स्वरुप होता है, करुणा, दया, क्षमा, याचना, प्रार्थना,उपासना, प्रेम ये सब बालक कवि के प्रेमी मित्र होते है। वह कवि इन छोटे शिशु सखाओं के साथ अठखेलियाँ करता रहता है, बाल लिलाएं करता रहता है, इसीलिए…
Read More...
Read More...