ओम प्रकाश जांगिड़ की कलम से: तेरे कर्म की खुशबू में हम तुझे ही खोजते हैं……
जयपुर : आज दिल फिर उदास है कि खो गया वह तारा जो तारों के जगत का खुद आकाश था। अब तो तेरे कर्म की खुशबू में हम तुझेे ही खोजते हैं। जी मैं बात कर रहा हूं उस शख्सियत की जो सवाई माधोपुर के साथ साथ पूरे भारत वर्ष के संत समाज का अभिन्न हिस्सा थी।…
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