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Narendra Sharma Parwana

लेखक नरेंद्र शर्मा परवाना की कलम से: आखिर संकल्प नए साल पर ही क्यों लें

आखिर संकल्प नए साल पर ही क्यों लें आपकी जिंदगी का हर पल नया है, हर सांस नया है। फिर कोई भी संकल्प लेने के लिए नया साल ही क्यों? क्यों नहीं आज और अभी से इसी वक्त से हम एक संकल्प ले लें कि हम हंसते रहेंगे, हम मुस्कुराते रहेंगे। संपर्क में…
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नरेंद्र शर्मा परवाना की कलम से: सृष्टि में प्रथम गुरु पिता है संतान का पूरा संसार है

किसी भी संतान के लिए उसका पिता यकीनन पूरा संसार है। पिता संतान के लिए आदर्श है। क्योंकि पिता में सारी की सारी योग्यताएं मौजूद हैं। पिता संतान का मित्र है, गुरु है, रक्षक है, संरक्षक है और पिता ही तो मार्गदर्शक है। स्कंद पुराण की गुरु गीता…
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नरेंद्र शर्मा परवाना की कलम से: यकीनन पिता संतान का पूरा संसार है

कविता: यकीनन पिता संतान का पूरा संसार है पिता का दर्जा भगवान से भी से भी ऊंचा है। पिता गृहस्थ की छत है, पिता बच्चों के सिर पर गगन है। पिता जीवन की सुगंध है, पिता तो महकता हुआ चमन है। पिता ज्ञान का उजाला है, दिल की धड़कन है, दीन-ईमान…
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नरेंद्र शर्मा परवाना की कलम से: काश! मेरा बचपन लौट आए

काश! मेरा बचपन लौट आए बहुत ही बेहतरीन होते हैं यादों के वो पल। काश! लौट चलें उस ओर....। वाह ! रे मेरे बचपन प्यारे। थैले में एक पतली सी पुस्तक, एक तख्ती, दवात और कलम, बाद में एक स्लेट और पेंसिल, मस्ती में स्कूल जाना, दोस्तों से रोटी…
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मेरी बेंगलुरु यात्रा 2021 : मेरी बेंगलुरु यात्रा का वृतांत

एसएस न्यूज़.बेंगलुरु। हमारे देश में कर्नाटका भारत का वह दक्षिण भारत का क्षेत्र है और बेंगलुरु एक आईटी हब है। हम नेलमंगला क्षेत्र में है , जो जिंदल अस्पताल के सामने मेट्रो का पुल है। उसके नीचे से निकल कर बाहर कॉलोनी है और यहां भगवती निवास है।…
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