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Mother is my first guru

कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: श्री विश्वकर्मा मंदीर जवाली

श्री विश्वकर्मा मंदीर जवाली ___________ उतर दैखीयो, दखण दैखीयो देश दैखीयो, प्रदेश दैखीयो दैखीयो सारो हिंदुस्तान ईण मंदीर जिसो मंदीर कठे जाँगिड़ सुथारो री आस्था अठे विश्वकर्मा जी रो धाम अठे आ देव भूमी है अठे देवता रोज रोज रमे है अठे…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: माँ प्रथम गुरु है मेरी

✍️ लेखक की कलम से......... संस्कार व ज्ञान सिखाने वाले इस धरातल पर प्रथम गुरु का नाम है माँ। जन्मदात्री के साथ साथ लालन पालन करते हुए ज्ञान की दायत्री भी है। नाम वाचक किसी भी शब्द को बोलने के लिए शायद पुरा मुंह नही खोलना पड़ता होगा पर…
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