मारवाड़ी कवि प्रकाश चन्द जांगीड़ की कलम से गद्य,पद्य मिश्रण भाषा-मारवाड़ी: ओपी सुदार-सुदार करता-करता…
गद्य,पद्य मिश्रण
भाषा-मारवाड़ी
ओपी सुदार-सुदार करता-करता खुद विगड़ रिया हो।
कीकर तो इउ!
एक दूजा ने देखी-देखी ने बळो,
बोलवाराफोडा पड़े, आवे जिउ ई अडिगा ठोक दो।
कोई की केवा री कोशस करें, उण उ पेला उण री वात काट दो।
विना समजिया…
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