धर्म-कर्म:मनुष्य का कर्तव्य सिर्फ अपने प्रयासों द्वारा ईश्वर को खुश रखना है
-श्री श्री आनन्दमूर्ति-
मनुष्य का कर्तव्य सिर्फ अपने प्रयासों द्वारा ईश्वर को खुश रखना है। आनंद के वासस्थान और उसके पथ में प्रतिष्ठित होने के लिए इसे चार अलग-अलग भागों में बांटा जा सकता है। हर भाग को पार करने के लिए हर भाग पर एक विशेष…
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