कवि प्रकाश चन्द जांगिड़ “पिड़वा” पाली की कविता: आओ मिलकर दीप जलाए
आओ मिलकर दीप जलाए।
आओ मिलकर दीप जलाए,
प्रेम पूर्वक हम हाथ बढ़ाए,
गाडी कमाई भेंट चढ़ाए,
बेसहारों का लाडलड़ाये,
माँ लक्ष्मी का करे स्वागत,
गो माता की आव-भगत,
खुशहाल हो जीव-जगत,
इसमें कुछ न लागे लागत,
खुशियों की सौगात लाए,
शॉपिंग करने…
Read More...
Read More...