कृष्ण कुमार निर्माण की कलम से: गोद!!!
गोद!!!
मौन हूँ!
स्तब्ध हूँ!!
निशब्द हूँ!!!
परेशान भी हूँ!!!!
क्योंकि..जब.....
प्रेम है शाश्वत
प्रेम है नित्य
प्रेम है सनातन
प्रेम है जीवन आधार
फिर भी.......
न जाने क्यों लोग
खेलते हैं प्रेम से ही
फुटबाल की तरह
और......…
Read More...
Read More...