कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कानूड़ा वेगो वेगो आव
कानूड़ा वेगो वेगो आव
=======================
पेला मिनकों ऊपर आवियो कोरोना रे
अब संकट भारी आयो है रे
सगळा गऊ माता पर रे
उभी अर्ज करे गऊ माँ थाने रे
काना कागदियो लिख भेजू थाने रे
कानूड़ा वेगो वेगो आव रे
थू तो गायो रो ग्वालो है रखवाल…
Read More...
Read More...