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I saw with two eyes

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: दो आंखो से मैंने देखा

दो आंखो से मैंने देखा ********** दो आंखो से मैंने देखा देश देखा, प्रदेश देखा देखी रंग बिरंगी दुनिया देखा हर जांगिड समाज गुरुप को सब चेहरों पर नजर गुमाई सब अपने अपने लगने लगे ह्रदय से प्रेम उचल पड़ा जय श्री विश्वकर्मा जी की कहना…
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