कवि दलीचंद जांगिड सातारा की कलम से: मेरे पास कविता है…..
मेरे पास कविता है.....
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जब जब मुझे जीवन में दुख आया है,
मैंने अपने आप को कविता से जोड़ा है।
जब जब मुझे किसी ने तोड़ना चाहा है,
मैंने खुद को कविता की ममता से जोड़ा है।
जब जब मैं गिरा था,
कविताओं ने ही मुझे…
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