कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: स्वाभिमान ही सम्पत्ति हर मानव की
✍️ लेखक की कलम से....
जानदार, शानदार, ईज्जतदार यही है मेरी पहिचान......
हम मध्यमवर्गीय है जरुर पर हमे दिखावा, स्वागत, पद प्रतिष्ठा की जरुरत नही है ईन चीजों की....... वास्तविकता के इर्द गिर्द ही हमारी जीवनयात्रा है, दिखावे से हम कोसों दूर…
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