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Gupti Sagar

सोनीपत:  झुक कर चलना दृष्टि ऊपर रखना जीवन विकास का अमूल्य सूत्र: गुप्ति सागर

गन्नौर (सोनीपत), अजीत कुमार: राष्ट्र संत शाकाहार प्रवर्धक महायोगी उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज का मंगल प्रवेश गन्नौर में हुआ है। महाराज श्री जैन तीर्थ गुप्ति धाम में 47वां चातुर्मास करेंगे। आगमन के प्रथम दिन श्रीपाल जैन की पुण्य तिथि…
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सोनीपत: स्त्री और संपत्ति की अपेक्षा हमें आत्मा की रक्षा करनी चाहिए: गुप्ति सागर

हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व मध्यप्रदेश के अलावा दूरदराज से आए श्रद्धालु गुप्ति सागर जी महाराज के 45वें चातुर्मास के क्लश स्थापना पर बही अमृत रसधारा सोनीपत/नरेंद्र शर्मा परवाना: राष्ट्रसंत उपाध्याय गुप्ति…
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कामयाबी के कदम:आज का सबसे बड़ा सफलता का मंत्र खुद को धोखा मत देना

यह छोटी सी कहानी आपकी जिंदगी को बदल देगी मेरा नाम सुरेश चंद जैन है मै दिल्ली में रहता हूं। ज्ञान ज्योति दर्पण के माध्यम से आप सभी के साथ बात करने का मौका मिला है तो सभी को जय जैनेंद्र जी। पहले मैं आपको अपनी जिंदगी के बारे में बता दूं।…
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मेरे जीवन का संघर्ष:जीवन के उतार चढाव और संघर्षों का दौर सिखाता है बहुत कुछ

हमारी आज की चर्चा जीवन के घटित उन घटनाओं पर आधारित है तो उतार चढाव आते हैं तो इंसान को कुछ सिखाते हैं। इसलिए हालात को दोष ना दें। बस यह मान कर चलिए कि जब कभी आप आईसीयू में किसी मरीज को बिस्तर पर देखते हैं तो दिल की धड़कन माेनिटर पर दिखाई…
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कामयाबी के कदम:कामयाब कारोबारी और कामयाब इंसान में अंतर जानिए

आज जो हम चर्चा करेंगे उसमें जीवन वह अनुभव सांझा करूंगा जिससे आप जीवन के कई रंग देखेंगे। कोरोबार करना, कारोबार में सफल होना कोई बड़ी बात नहीं इसमें बड़ी बात है कामयाब इंसान होना। कामयाब इंसान आप किसे कहेंगे मुझे इससे कोई सरोकार नहीं…
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गुप्ति सागर जी महाराज :ग्रहस्थ जवीन को सुखी बनाने के पांच सूत्र बताएं।

सवाल :  ग्रहस्थ जवीन को सुखी बनाने के पांच सूत्र बताएं। जवाब :  नियत साफ रखना निहायत जरूरी।  बड़ों के प्रति विनम्रता छोटों के प्रति वात्सल्य रखना।  आलस्य का परित्याग सतत् उद्यमशील होना।  पूज्य पुरुर्षों के प्रति सेवा का भाव…
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गुप्ति सागर जी महाराज :संप्रदाय झूठी मान्यता पर आधारित परमात्मा पवित्र विचारों का प्रसाद

संप्रदाय झूठी मान्यता पर आधारित परमात्मा पवित्र विचारों का प्रसाद सवाल-श्रद्घा बड़ी या दौलत ? जवाब- दौलत से बड़ी श्रद्घा है क्योंकि श्रद्घा से दौलत मिलती है। जगत में जितने भी श्रेष्ठ कार्य हुए हैं उनमेें अपने इष्टों के प्रति…
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गुप्ति सागर जी महाराज :पति का पत्नी के प्रति समर्पण कितना सही है?

सवाल : पति-पत्नी में झगड़े क्यों होते हैं, इन्हें रोकने का उपाय भी बताए? जवाब : अत्याधिक उपेक्षाएं झगड़े का कारण हैं। यदि महिला अपने दायित्व में रहे पाते को अपना सर्वोच्च माने तो विवाद का प्रश्न ही नहीं उठता और पति भी पत्नी की बात को…
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गुप्ति सागर जी महाराज :क्या सर्वव्यापी को गैर हाजिर भी कहा जा सकता है?

सवाल- भौतिक उन्नति मानव के विकास का कारण बने इसका क्या मार्ग होगा? जवाब- यह मनुष्य की वस्तुओं का उपयोग करने के ढंग पर निर्भर करेगा। क्योंकि वस्तु तो मुक हैं पुरुष जानता, समझता और बोलता है यंत्र में जितनी चाबी भरी जाएगी, उतनी ही देर काम…
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गुप्ति सागर जी महाराज :भक्ति के स्वरुपाें को भी जानना जरूरी

भक्ति के स्वरुपाें को भी जानना जरूरी सवाल- भक्ति की प्राथमिकता क्या है? जवाब- भक्ति के मायने तल्लिनता है अपने अराध्य में खो जाना और अपने आपको प्राप्त करने का रास्ता है। वास्तव में जो भक्ति में तल्लीन हो जाता है वह भव सागर से उतर जाता है।…
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