Browsing Tag

Gupti Dham

रोशन है तेरे नूर से धरती यह गगन

रोशन है तेरे नूर से धरती यह गगन रोशन है तेरे नूर से धरती यह गगन, दिव्य गुणों की खुश्बू से महका है चमन, विश्व की धरती तेरे चरणों को छूकर- हो गई है धन्य, तेरी रहमत को नमन्। तेरी रहमत को नमन्, तेरी रहमत को नमन् । ज्ञान का…
Read More...

खुशी और कामयाबी चाहिए तो ऐसा करें

ज्ञान ज्योति दर्पण के पाठकों के लिए अनुभवी व्यक्तित्व सुरेश चंद जैन ने अपने अनुभवों को देने का निर्णय किया है इनको 50 साल का इनका अनुभव आपके जीवन को खुशहाल बना देगा। प्रति दिन आपको सुबह इनके अनुभव मिलेंगे लीजिए पहला लेख प्रस्तुत है।…
Read More...

तीर्थंकर सा पुत्र उत्पन्न कर माता पिता अपने व्यक्तित्व के चरम शिखर पर पहुंचे

राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज बता रहे हैं जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र तीर्थांकर सा पुत्र उत्पन्न कर माता पिता अपने व्यक्तित्व के चरम शिखर पर पहुंचे। वैवाहिक संबंधों को पवित्र, सुन्दर व सरल बनाएं, एक दूसरे…
Read More...

तनाव मुक्त जीवन व्यक्तित्व की शान है

राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज बता रहे हैं जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र तनाव मुक्त जीवन व्यक्तित्व की शान है। मनुष्य की छोटी सी जिंदगी को सजाएं, संवारे, तनाव मुक्त रहें ताकि जीवपन महकता हुआ बाग बन जाए। तनाव मुक्त होना…
Read More...

व्यक्तित्व विकास हेतू हर पल का उपयोग करना ही जीवन विकास उपक्रम है

सूत्र : हर पल जागरुक रहना है ताकि जीवन का विकास अवरुद्ध ना हो। व्यक्तित्व विकास हेतू हर पल का उपयोग करना ही जीवन विकास उपक्रम है। जीवन को उन्नत प्रगतिशील, निर्मल बनाने के लिए पल-पल कमल विकासी होना है। विश्वास ही व्यक्तित्व को…
Read More...

झुक कर चलना दृष्टि ऊपर रखना जीवन विकास का अमूल्य सूत्र है

सूत्र : अच्छे कार्य के लिए संकल्प कर मन में विश्वास उत्पन्न कर राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज बता रहे हैं जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र नीचे झुक कर चलना और दृष्टि को ऊपर रखना जीवन विकास का अमूल्य सूत्र है। भारत की…
Read More...

विश्वास ही व्यक्तित्व को ऊंचाई देता है: गुप्ति सागर

राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज बता रहे हैं जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र राष्ट्र संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज का कथन है कि विश्वास पर विश्वास जरूर करना विश्वास ही व्यक्तित्व की अंतिम ऊंचाई है। शब्दों का ज्ञान ओर…
Read More...