दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: संगत का फल
संगत आदमी को जीरो से हिरो बना सकती है
केवल ज्ञानी, व संस्कारी लोगों के सहवास से.....
✍ लेखक की कलम से......
मन का एक विक पोईन्ट यह है की आप जो रोज रोज देखते हो, बोलते हो, सुनते हो, खाते हो, पीते हो बस यही दृष्य मन बार बार देख व सुन लेता…
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