दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: गांवों से शहर की ओर
उपर की चित्रावली ही इस ग्रामिण जनता शहर की ओर...... के सफर को दर्शाने के लिये काफी है जी!
यह कहानी है उस हर समाज की जो चालीस, पच्चास बर्षो से नित्य निरन्तर गांवों से शहर की ओर कूच कर रहे है जो गावों मे पैत्रिक काम धन्धे धीरे धीरे कम हो रहे…
Read More...
Read More...