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From the pen of poet Dalichand Jangid Satara: I write prayer for progress

कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: चालो जी चालो रामदेवरा

चालो जी चालो रामदेवरा ##################### 🏃🏾‍♂️दर्शन करवा चालो जी राम देवजी के धाम गांव रामदेवरा रा माएं जठै रुणिचा रा राज बिराजे अठै जीणी जीणी उड़े है गुलाल थाने तो धावै है आखो मारवाड़ धावै है आखो गुजरात जी धीरत चूरमा रों भोग…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: व्यापारी से बना कवि

🌺|| व्यापारी से बना कवि ||🌺 G.S.T के पहले मैं एक सुप्रसिद्ध व्यापारी था G.S.T ने मुझे कवि बना दिया जब से G.S.T आया तब से व्यापार को अर्जेंट ब्रेक लगा दिया समय का सदुपयोग करो सुन रखा था छोटी आयु में गुरु से इस कारण कविता लिखना…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कविता लिखने की कला

कविता लिखने की कला ################### कविता लिखने की शक्ति माँ शारदे का दिया हुआ अमर अमिट प्रसाद होता है जो माँ की उपासना करने से मिलता है कवि को वन उप वन मे पेड़ो को देखकर कल कल बहती सरिता को देखकर अजब स्मर्ण से खोदाई कर…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: सातारा मौन है

सातारा मौन है ******** मैं सातारा शहर हूं आज मैं स्तब्ध हूं, निशब्द हूं सही सुना आपने सही पहचाना आपने हा सच है अब छुपछाप हूं मैं सातारा सुनसान है सड़के मेरे शहर की गल्ली मोहल्लें विरान है सब्जी मंडी सुनसान है बच्चें नही खेल रहे…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मैं खौड रो निवासी हूँ

मैं खौड रो निवासी हूँ                                                                                   ======================= वखाण ईण गांव रा करु जितरा थोड़ा है पाली जिला मे खौड एक बिग बझार है पक्का ऊंचा ऊंचा मकान अठै खौड गाव री…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कवि मन भटकत भ्रान्ति का प्रतिक

✍️ एक लेखक लिख देता है कवि के मन बात..... कवि मन भटकता रहता है रात में तन सोता जरुर है पर......? कवि मन चलता रहता है रात में आए विचारों से एक कविता बन जाती है जो सुबह कागज के पन्नों पर उतर आती है इसीलिए कहता रहता हूं "कवि मन भटकत…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कुल्हाड़ी व पेड़ की कहानी है पुरानी

कुल्हाड़ी व पेड़ की कहानी है पुरानी ======================= एक दिन कुल्हाड़ी पेड़ से बोली तेरा मेरा बैर तो है सदियों पुराना आज फैसला हो जाए तुम ताकतवर हो या मैं हूं सभा बुलाई सारे गांव की चौपाल पर सतरंजी बिछाई सरपंच जी को अध्यक्ष…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: निरोगी काया

निरोगी काया का राज क्या है, आज इस विषय पर चर्चा करने की जरूरत है आन पड़ी है। इसका कारण यह है कि लॉकडाउन के चलते हर इंसान अपने अपने घरो मे बिना काम धन्धे के खाली बैठा है, नियमित चलने वाली दिनचर्या रुक गई है या फिर बहुत सारा बदलाव उसमें जरुर…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: जीवन शैली बदल रही है

जीवन शैली बदल रही है ********** वो एक जमाना था, आज यह भी एक जमाना है जब आमने-सामने मिलकर आपकी शहद्द कैसी है पुछा करते थे हम अब दूर बैठे आकाश मार्ग से रोज सुबह जय श्री विश्वकर्मा जी की वाँटस अप के माध्यम से करते है वो कैसा सुख…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मेरी सोच

खास युवाओं के आत्मविश्वास को प्रोत्साहन देने वाला लेख......... युवाओं की प्रगति के लिये भारत अभियान बने इस सद् भावना से यह लेख लिख रहा हूं.......... महाराष्ट्र/जीजेडी न्यूज: आयु के पन्द्रह व अठरा वर्ष की आयु सिमा मे समाज के हर…
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