दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: चारों वेद प्रथम दर्शनी प्रस्तावना…….
वेद सृष्टि के आदि में परमात्मा द्वारा दिया गया दिव्य अनुपम ज्ञान हैं। वेद सार्वभौमिक और सार्वकालीन है।
सृष्टी बन गई तो इसमें रहने का कुछ विधान भी होगा उसी विधान का नाम है वेद।
वेद चार हैं - ऋग्वेद , यजुर्वेद , सामवेद और अथर्ववेद। चारों…
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