नरेंद्र शर्मा परवाना की कलम से: सृष्टि में प्रथम गुरु पिता है संतान का पूरा संसार है
किसी भी संतान के लिए उसका पिता यकीनन पूरा संसार है। पिता संतान के लिए आदर्श है। क्योंकि पिता में सारी की सारी योग्यताएं मौजूद हैं। पिता संतान का मित्र है, गुरु है, रक्षक है, संरक्षक है और पिता ही तो मार्गदर्शक है। स्कंद पुराण की गुरु गीता…
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