दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: पर्यावरण दिवस
पर्यावरण दिवस
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वन मे वृक्षों का वास रहने दो
झील झरनों मे मे साँस रहने दो
वृक्ष होते है जगंल के वस्त्र
छीन मत लेना, यह लिबास रहने दो
वृक्ष पर घोसला है चिड़िया का
तोड़ो मत यह निवास रहने दो
पेड़ पौधे है चिराग है…
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