Browsing Tag

Dr. Manibhadra Muni Ji Maharaj

सोनीपत: प्रवचन श्रवण श्रद्धा और आत्मिक विकास का मार्ग: डॉ मणिभद्र मुनि जी महाराज  

सोनीपत, अजीत कुमार: नेपाल केसरी, राष्ट्र संत और मानव मिलन के संस्थापक डॉ श्री मणिभद्र मुनि जी महाराज ने कहा कि धर्म सभा में प्रवचन सुनना मात्र एक धार्मिक कृत्य नहीं है, बल्कि यह हमारे आत्मिक और मानसिक विकास का भी एक महत्वपूर्ण साधन है। धर्म…
Read More...

सोनीपत: व्यक्ति अच्छा बनने के बजाय अच्छा दिखने पर दे रहे ध्यान: डॉ. मणिभद्र मुनि जी महाराज

सोनीपत, (अजीत कुमार): राष्ट्र संत और मानव मिलन के संस्थापक, डॉ. मणिभद्र मुनि जी महाराज ने कहा कि आज के युग में लोग अच्छा बनने के बजाय अच्छा दिखने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने समझाया कि अच्छाई और बुराई केवल बाहरी विशेषताएँ नहीं हैं,…
Read More...

सोनीपत: श्रद्धा- एक मानसिक और आत्मिक अनुभव: डॉ मणिभद्र मुनि जी महाराज

सोनीपत, (अजीत कुमार): नेपाल केसरी राष्ट्र संत और मानव मिलन के संस्थापक डॉ. मणिभद्र मुनि जी महाराज ने श्रद्धा को एक गहन मानसिक स्थिति के रूप में परिभाषित किया है, जो किसी के प्रति गहरे सम्मान और आस्था को दर्शाती है। यह भावना किसी व्यक्ति,…
Read More...

सोनीपत: पर्यूषण महापर्व आत्मा की शुद्धि, क्षमा, आत्मनिरीक्षण की प्रबलता: डॉ मणिभद्र

सोनीपत, (अजीत कुमार): महाराज नेपाल केसरी राष्ट्र संत मानव मिलन के संस्थापक डॉ मणिभद्र मुनि जी महाराज ने कहा कि पर्यूषण महापर्व का उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और क्षमा की भावना को प्रबल करना है। आत्मा के अंदर छिपे हुए दोषों की पहचान करते हैं और…
Read More...

सोनीपत: आंतरिक संतुलन और सुख की नींव रखते हैं निश्चलता और सरलता: डॉ मणिभद्र मुनि जी महाराज

सोनीपत, (अजीत कुमार): नेपाल केसरी, राष्ट्र संत, मानव मिलन के संस्थापक डॉ मणिभद्र मुनि जी महाराज ने कहा कि निश्चलता और सरलता, जीवन में ऐसे मूल्य हैं जो हमारे आंतरिक संतुलन और सुख की नींव रखते हैं। ये गुण केवल शारीरिक सौंदर्यता के विपरीत नहीं…
Read More...