व्यंग्य:गंजहों के गांव का लोकतंत्र
-श्रीलाल शुक्ल-
तहसील का मुख्यालय होने के बावजूद शिवपालगंज इतना बड़ा गांव न था कि उसे टाउन एरिया होने का हक मिलता। शिवपालगंज में एक गांव-सभा थी और गांववाले उसे गांव-सभा ही बनाए रखना चाहते थे ताकि उन्हें टाउन एरियावाली दर से ज्यादा टैक्स न…
Read More...
Read More...