दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: समाज में सुधार की अगुवाई
समाज में सुधार की अगुवाई
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एक मशाल जलानी होगी
समाज प्रगति के लिए
कदम से कदम मिलाकर चलना होगा
ताल से ताल मिलानी होगी
दीपक एक प्रगति का जलाना होगा
सबको साथ लेकर चलना होगा
समाज में सुधार की अगुवाई
करे समाज…
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