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Dalichand Jangid

दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: समाज में सुधार की अगुवाई

समाज में सुधार की अगुवाई ****************************** एक मशाल जलानी होगी समाज प्रगति के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना होगा ताल से ताल मिलानी होगी दीपक एक प्रगति का जलाना होगा सबको साथ लेकर चलना होगा समाज में सुधार की अगुवाई करे समाज…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: शपथ विधी का शुभ आज आया

शपथ विधी का शुभ आज आया दीवाली आई दीवाली आई आज मेरे प्रदेश में खुशीया छाई है शपथ विधी का शुभ दिन आज आया है पाली जिले में खुशीया छाई है पाली जिला को मिला एक नेता सब जांगिड बंधूओं ने हां में हां मिलाई है नेता बड़ा शांत स्वभाव का है…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मैं कान हूं कान

✍️लेखक की कलम से......... मैं कान हूं कान, पर मेरी दुख दर्द भरी कहानी भी आप आज जरुर सुन लेना जी, हा जी मैं हर पल आपकी सेवा मे हाजिर तो रहता हूं मगर मेरी यातनाओं की लिस्ट भी लम्बी चौड़ी है, सो आज आपके सामने पेश कर रहा हूं जी!! मेरी जीवन…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: दो आंखो से मैंने देखा

दो आंखो से मैंने देखा ********** दो आंखो से मैंने देखा देश देखा, प्रदेश देखा देखी रंग बिरंगी दुनिया देखा हर जांगिड समाज गुरुप को सब चेहरों पर नजर गुमाई सब अपने अपने लगने लगे ह्रदय से प्रेम उचल पड़ा जय श्री विश्वकर्मा जी की कहना…
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दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: व्हाट्स अप एक विश्वविधालय है

व्हाट्स अप एक विश्वविधालय है साथ ही फैश बुक उसी की बड़ी शाखा है सो इसमे डाले जाने वाले आपके मॅसेज हजारो हजारो लोग पढ़ते है इसीलिए हर मैसेज ज्ञान वर्धक हो या समाज हित का हो इसका विशेष ध्यान हर किसी को रखना चाहिए, राजनीतिक, अंध विश्वास फैलाने…
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पाली/राजस्थान: दो दिवसीय गणेश चतुर्थी महोत्सव पाली में कविराज दलीचंद जांगिड़ को किया सम्मानित

पाली/राजस्थान: गणेश चतुर्थी महोत्सव को लेकर दो दिवसीय आयोजन श्री विश्वकर्मा जांगिड़ समाज जवाली के तत्वाधान में पाली शहर समाज भवन से विशाल शोभायात्रा निकाली गई। जिसका रूट सूरजपोल होकर नया बस स्टैंड हाॅटेल पणिहारी से होकर रामासिया गुंदोज…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: पंढरपुर धार्मिक यात्रा

महाराष्ट्र यह प्राचीन काल से संतो की भूमी रही है!! आषाढ़ी एकादशी के दिन पंढरपुर मे विठ्ठल मंदीर मे एक धार्मिक यात्रा का हर बर्ष आयोजन होता है जिसमें लाखो की संख्या मे भक्तगण दर्शन का लाभ लेते है!! इसी संदर्भ मे संतो की बहु मुल्य ज्ञान वाणी…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मैं जवाई बांध हूं

मैं जवाई बांध हूं ##################### मैं जवाई बांध हूं, मैं जवाई बांध हूं मैं मारवाड़ का बड़ा तालाब हूं मैं अनेकों की प्यास बुझाता हूं मैंने अनेक अकाल देखे सहे है मैं सेवाधारी बनकर सबकों मैं पानी हरदम पिलाता रहा हूं मानव पशुओं की…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: भाव विभोर हो जाता हूं

✍️ एक कवि की अलोकिक दुनिया का रहस्य कवि अपनी शब्दावली में अपने ही मुखार बिन्दू से सुनाते हुएं एक दृश्य (पिक्चर) खड़ा कर दिखाता है अपनी कलम से....... नई नई कविताएं लिखने की कल्पनाओं में भाव विभोर हो जाता हूं , संसार को भूलकर शून्य प्रवाह…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: हम है आखिरी पिढ्ढी

हम है आखिरी पिढ्ढी ============================ हम है आखिरी पिढ्ढी कोई हम से पुछे पूर्वज कैसे थे❓ तो......... तो......... यह बचा के रख लेना रे घर मे पूर्वजो की कमाई की निशानी रे एक बसूला, कुल्हाड़ी, बिजना तेल काजली से उठने वाली…
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