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A symbol of the poet’s mind wandering illusion

कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: व्यापारी से बना कवि

🌺|| व्यापारी से बना कवि ||🌺 G.S.T के पहले मैं एक सुप्रसिद्ध व्यापारी था G.S.T ने मुझे कवि बना दिया जब से G.S.T आया तब से व्यापार को अर्जेंट ब्रेक लगा दिया समय का सदुपयोग करो सुन रखा था छोटी आयु में गुरु से इस कारण कविता लिखना…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कविता लिखने की कला

कविता लिखने की कला ################### कविता लिखने की शक्ति माँ शारदे का दिया हुआ अमर अमिट प्रसाद होता है जो माँ की उपासना करने से मिलता है कवि को वन उप वन मे पेड़ो को देखकर कल कल बहती सरिता को देखकर अजब स्मर्ण से खोदाई कर…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: सातारा मौन है

सातारा मौन है ******** मैं सातारा शहर हूं आज मैं स्तब्ध हूं, निशब्द हूं सही सुना आपने सही पहचाना आपने हा सच है अब छुपछाप हूं मैं सातारा सुनसान है सड़के मेरे शहर की गल्ली मोहल्लें विरान है सब्जी मंडी सुनसान है बच्चें नही खेल रहे…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: मैं खौड रो निवासी हूँ

मैं खौड रो निवासी हूँ                                                                                   ======================= वखाण ईण गांव रा करु जितरा थोड़ा है पाली जिला मे खौड एक बिग बझार है पक्का ऊंचा ऊंचा मकान अठै खौड गाव री…
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कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कवि मन भटकत भ्रान्ति का प्रतिक

✍️ एक लेखक लिख देता है कवि के मन बात..... कवि मन भटकता रहता है रात में तन सोता जरुर है पर......? कवि मन चलता रहता है रात में आए विचारों से एक कविता बन जाती है जो सुबह कागज के पन्नों पर उतर आती है इसीलिए कहता रहता हूं "कवि मन भटकत…
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