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A sheet of poetry

कवि दलीचंद जांगिड सातारा वालों की कलम से: कविता की चादर

कविता की चादर *************** मैं जिसे ओढ़ता हूं वो कविताओं की चादर होती है उस पर लिखी कविताएं ह्रदय से ढूंढ लाता हूं वो कविताएं सुनाता हूं वो ही मेरी पहिचान होती है वो ही मेरी पोशाख है कविता लिखने जंगल मे जाता हूं कभी कभी…
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