दीपक आहूजा वालों की कलम से: वास्तविकता का आभास
वास्तविकता का आभास
सरलता से होता है, वास्तविकता का आभास,
करने वाला ईश्वर है, क्यों न करूँ फिर विश्वास।
कुम्हार का हाथ चले चाक पे, निरंतर अविरल,
कृपानिधान की कृपा है, कुम्हार दिखे सफल।
दो हाथों के कृत की माया से, संसार वशीभूत,
अपने आप…
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