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निरंकारी बाबा की साखियां

स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : चौबीस वर्ष पहले की गई विनती स्वीकारी 

सद्गुरु के प्रति विश्वास-2 यादों के वो पल 15 मई 2008 की बात है। अपरान्ह ढ़ाई बजे का समय था। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ऊमरी चौराहा से जब सद्गुरु बाबा जी नूरपुर के लिए रवाना होने लगे तो एक बुजुर्ग माता प्रेमवती जी, हुजूर के पास आईं…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : आंखें नम हो गईं मेरी ,सदगुरु जब याद आई तेरी

सदगुरु बाबा हरदेव सिंह जी व्यक्तित्व अत्यन्त मनमोहक था। उनके प्रेममय व्यवहार की स्मृतियां हर भक्त के हृदय पटल पर अंकित हैं। बाल - वृद्ध , युवा - प्रौढ़ , स्त्री-  पुरुष  हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेना उनके लिए बहुत सहज सी…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : भक्त के बस में हैं भगवान की सुनो कहानी

सद्गुरु के प्रति विश्वास-1  ​सद्गुरु अपने भक्तों के विश्वास को किस प्रकार परिपक्व करते हैं, इसके अनेक उदाहरण हैं। सद्गुरुदेव हरदेव जी की मानव कल्याण यात्राओं के दौरान यूं तो अनेक रोचक नज़ारे देखने को मिलते रहे हैं जो दिल को छू जाते हैं कि…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : जब भक्ति जीवन्त हो उठी ..

​सन् 2002 में, 12 फरवरी को उड़ीसा राज्य के पुरी जिले के पच्चीपाड़ा (ब्रह्मगिरी) गाँव में अद्वितीय दृश्य देखने को मिला। भौतिकता की चकाचौंध से दूर इस गाँव में किसी भी प्रकार की सुख-सुविधा नहीं है। रोशनी की भी कोई व्यवस्था नहीं है।…
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स्मृतियां मानवता के महानायक निरंकारी बाबा की : गरीब नवाज़ दिव्य पुरुष

मसूरी प्रवास के दौरान यूँ तो युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी के प्रेम में बंधे भक्तों की निश्छल प्रेमाभक्ति के अनेकों नज़ारे देखने को मिलते ही रहते थे लेकिन जुलाई 2004 में जो नज़ारा मसूरी में देखा वह हृदय पर कुछ अलग ही छाप छोड़ गया।…
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