सादा शादियों का प्रतीक निरंकारी मिशन: गृहस्थ जीवन सबसे बड़ी तपस्या: निरंकारी माता सुदीक्षा जी महाराज

संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा में बने विशाल पंडाल में हजारों निरंकारी संतों की उपस्थिति में देश एवं विदेश के जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। निरंकारी राजपिता जी के भाई रोहन चांदना जी का विवाह यूनाइटेड किंगडम से आई पूर्वा साहनी के साथ सादगीपूर्वक इन्हीं सामूहिक शादियों में सम्पन्न हुआ।

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  • 77 नव विवाहित जोड़े प्रणय सूत्र में बंधे।
  • आप गृहस्थ के जीवन को भक्तिमय जीना है
  • गृहस्थ जीवन दोनों हाथों का मिलना है
  • दो रिश्ते नहीं दो परिवारों का जुड़ना है

गन्नौर: निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के परम सान्निध्य में आज 77 नव विवाहित जोडे़ परिणय सूत्र के पवित्र बंधन में बंधे। सत्गुरु माता जी ने गृहस्थ जीवन को भक्ति के साथ जीने का आशीर्वाद प्रदान किया। दांपत्य जीवन की शुरुआत करने और सुखमय जीवन जीने के लिए उनके परिवार के सदस्यों को भी शुभकामनाएं दी।
संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा में बने विशाल पंडाल में हजारों निरंकारी संतों की उपस्थिति में देश एवं विदेश के जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। निरंकारी राजपिता जी के भाई रोहन चांदना जी का विवाह यूनाइटेड किंगडम से आई पूर्वा साहनी के साथ सादगीपूर्वक इन्हीं सामूहिक शादियों में सम्पन्न हुआ।

Symbol of simple weddings Nirankari Mission: Household life is the biggest penance: Nirankari Mata Sudiksha Ji Maharajइस साधारण रीति रिवाज में पारम्परिक जयमाला के साथ निरंकारी विवाह का विशेष चिन्ह सांझा-हार भी प्रत्येक जोडे़ को मिशन के प्रतिनिधियों द्वारा पहनाया गया। लावों के दौरान सत्गुरु माता जी ने वर-वधू पर पुष्प-वर्षा कर अपना दिव्य आशीर्वाद प्रदान किया। उनके साथ साध संगत, वर-वधू के सम्बधित परिजनों ने भी पुष्प-वर्षा की। निश्चित रूप से यह एक आलौकिक दृश्य था।

Symbol of simple weddings Nirankari Mission: Household life is the biggest penance: Nirankari Mata Sudiksha Ji Maharajआज के इस शुभ अवसर पर समूचे भारतवर्ष के भिन्न-भिन्न राज्यों एवं दूर देशों से विवाह हेतु कुल 77 युगल सम्मिलित हुए जिनमें मुख्यतः भारतवर्ष से दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश राज्य एवं विदेश से यू. ए. ई., इंग्लैण्ड देश इत्यादि है। सामुहिक विवाह के उपरांत सभी के लिए भोजन की समुचित व्यवस्था निरंकारी मिशन द्वारा की गई। नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि भक्ति करते हुए गृहस्थ में रहना ही सबसे बड़ी तपस्या है और आज के समय में गृहस्थी में प्रत्येक महिला एवं पुरूष का समान रूप से योगदान होना चाहिए। सत्गुरु माता जी ने नव-विवाहित युगल को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान किया तथा उनके सुखद जीवन हेतु मंगल कामना भी करी।

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