कामयाबी के कदम: पहलवान अनिरुद्ध गुलिया ने जॉर्डन में जीता गोल्ड; पुरखास गांव और देश में खुशी की लहर

अनिरुद्ध की इस सफलता पर राजेश पहलवान ने कहा, "बेटा, आप आगे भी इसी तरह देश का नाम रोशन करते रहें।" अनिरुद्ध की इस उपलब्धि पर उनके गुरुजनों और गांववासियों ने भी हर्ष व्यक्त किया और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

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गन्नौर, (अजीत कुमार): हरियाणा के युवा कांग्रेस खेल प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष राजेश पहलवान पुरखासिया ने गर्व से बताया कि उनके भतीजे अनिरुद्ध गुलिया ने जॉर्डन में 20 से 30 जून 2024 तक आयोजित अंडर-23 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश, प्रदेश, गांव और अपने माता-पिता के साथ-साथ गुरुजनों का नाम रोशन किया है। इस गौरवमयी उपलब्धि ने पूरे क्षेत्र में खुशी और उल्लास की लहर दौड़ा दी है।

मंगलवार को खेल प्रेमी स्वर्ण पदक विजेता अनिरुद्ध गुलिया का दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत करने के लिए जुटेंगे। छत्रसाल स्टेडियम के पद्मश्री सतपाल पहलवान, नरेंद्र पहलवान खुडन, ललित कोच, जयबीर कोच, और अजीत मान के सान्निध्य में प्रशिक्षण लेकर अनिरुद्ध गुलिया ने 125 किलोग्राम वर्ग भार में स्वर्ण पदक जीता है। उनकी इस सफलता ने न केवल परिवार और गांव के लोगों को गर्वित किया है, बल्कि सभी खेल प्रेमियों में भी नई ऊर्जा का संचार किया है। स्टेडियम में जश्न का माहौल है।

30 जून को अनिरुद्ध ने अपनी पहली कुश्ती उज्बेकिस्तान के पहलवान को 5-0 से हराकर शानदार शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने दूसरी कुश्ती में कजाकिस्तान के पहलवान को 4-1 से मात दी। फाइनल मुकाबले में अनिरुद्ध ने सीरिया के पहलवान को 10-0 से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा लिया।

अनिरुद्ध की इस सफलता पर राजेश पहलवान ने कहा, “बेटा, आप आगे भी इसी तरह देश का नाम रोशन करते रहें।” अनिरुद्ध की इस उपलब्धि पर उनके गुरुजनों और गांववासियों ने भी हर्ष व्यक्त किया और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

अनिरुद्ध की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया कि मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने न केवल उनके परिवार को गर्वित किया है, बल्कि देश भर के युवा पहलवानों के लिए एक प्रेरणा भी बन गया है।

पूरे गांव और देश में अनिरुद्ध की इस उपलब्धि पर खुशी की लहर दौड़ गई है। गांववासियों ने मिठाई बांटकर और ढोल-नगाड़ों के साथ अपनी खुशी जाहिर की। अनिरुद्ध की इस सफलता ने साबित कर दिया है कि अगर दृढ़ संकल्प और मेहनत हो, तो कोई भी सपना साकार हो सकता है।

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