कामयाबी के कदम: पदक विजेता अनिरुद्ध बोले मिस यू पापा तेरे बेटे का यह पदक तुझे समर्पित
पहलवान अनिरुद्ध गुलिया ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सीनियर फ्री स्टाइल कुश्ती में उसका पहला प्रयास था इससे उसको काफी कुछ सीखने को मिला है। जब मै मैट पर उतरा तो एक ही बात याद रही कि यह कुश्ती मै नहीं मेरा देश भारत लड़ रहा है और मेरे देश वासियों का आशीर्वाद मेरे मां की ममता, मेरे पिता का सपना, गुरुजनों का मार्गदर्शन मेरे साथ है।
- मेरा सबसे बड़ा इनाम मेरी मां बीरमती के हाथ से बना चुरमा है, बड़ी ताकत होती है मां की ममता में
- घर पर जाऊंगा तो मां के हाथ से बना चुरमा खाऊंगा
- स्वदेश लौटने पदक विजेता पहलवान का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत
- सोनीपत, गन्नौर, गांव पुरखास, बिधल, खुड्डन, भगवतपूरी, दिल्ली से स्वागत के लिए सैंकड़ों खेल प्रेमी पहुंचे
- ढोल नगाड़ाें के साथ खुशी में झूमते नाचते, मिठाई बांटते अपने लाडले का हवाइ्र अड्डे पर स्वागत किया
सोनीपत: एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2023 में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भारतीय पहलवानों की टीम अपने कोच के साथ रविवार की मध्य रात्रि नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वदेश लौटी है। टीम के सदस्य जैसे ही बाहर आए ढोल बजे, चाहने वालों के पैर थिरकने लगे, कुछ लोग सेल्फी लेने लगे तो कुछ ने फूल माला नोटों की माला पहना कर स्वागत करने लगे।
स्वागत के वक्त पिता की याद आई तो अनिरुद्ध की आंख नम हो गई
इसी बीच हरियाणा प्रदेश के सोनीपत के गांव पुरखास के फ्रीस्टाइल पहलवान अनिरुद्ध गुलिया ने कजाकिस्तान के अस्ताना में 125 किलोग्राम भार वर्ग में जो कांस्य पदक जीत आया रेसलिंग स्टार अनिरुद्ध गुलिया का चाहने वाले जब स्वागत करने लगे तो अनिरुद्ध की आंखे नम हो गई एक और खुशी में लोग झूम रहे थे दूसरी और जिसका स्वागत हो रहा था वो पहलवान अनिरुद्ध बोला मिस यू पापा तेरे बेटे का यह पदक तुझे समर्पित।
स्वदेश लौटने पर सबसे पहले यह बोले पहलवान अनिरुद्ध गुलिया
पहलवान अनिरुद्ध गुलिया ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सीनियर फ्री स्टाइल कुश्ती में उसका पहला प्रयास था इससे उसको काफी कुछ सीखने को मिला है। जब मै मैट पर उतरा तो एक ही बात याद रही कि यह कुश्ती मै नहीं मेरा देश भारत लड़ रहा है और मेरे देश वासियों का आशीर्वाद मेरे मां की ममता, मेरे पिता का सपना, गुरुजनों का मार्गदर्शन मेरे साथ है। मुझे कांस्य पदक मिला है, मेरी संतुष्टि नहीं है। देश को आने वाले ओलंपिक में देश को पदक दिला पाऊं यही मेरी तमन्ना है। क्योंकि मेरे पिता स्वर्गीय बलवान गुलिया का सपना था कि उसका बेटा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लेकर आए। अपने दादा पड़दादा अपने वंश का नाम बढाए। काश! मेरे पिता आज जिंदा होते तो वो देख पाते कि उनके बेटे ने उनका सपना साकार किया है। मिस यू पापा (गला भर आया) तेरे बेटे का यह पदक तुझे समर्पित। मेरी मां बीरमती ने मुझे माता पिता दोनों का प्यार दिया। मेरा सबसे बड़ा इनाम मेरी मां बीरमती के हाथ से बना चुरमा है, बड़ी ताकत मिलती मां की ममता भरे चुरमा से। घर पर जाऊंगा तो मां के हाथ से बना चुरमा खाऊंगा। (यह खबर भी पढ़ें): सोनीपत: अनिरुद्ध ने कजाकिस्तान में सीनियर एशियन फ्री स्टाइल कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता
दिल्ली में स्वागत करने यह पहुंचे
ग्राम पंचायत धीरान के सरपंच बहादुर, भगवतीपुर, बिधल गांव व दिल्ली आदि से कांग्रेस युवा खेल प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष राजेश पहलवान पुरखासिया, मास्टर बिजेन्द्र, महाशील कोच, दल सिंह पहलवान, विकास मालिक, सुनील ढुल, बंटी पहलवान, सोमबीर गुलिया, संदीप पहलवान, नरेश मान, मास्टर सतीश, भारत केसरी नरेंद्र पूनिया, नरेश गुलिया, सतेंद्र, नरेश मान दिल्ली, सुरेंद्र गुलिया गन्नौर आदि स्वागत के लिए पहुंचे। पहलवान अनिरुद्ध गुलिया छत्रसाल स्टेडियम दिल्ली के महाबली सतपाल के सानिंध्य में भारत केसरी पहलवान नरेंद्र पुनिया, कोच ललित कुमार, कोच अशोक शर्मा, कोच अजीत मान, कोच अनिल मान, कोच परवीन दहिया के साथ रवाना हो गया।
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