कामयाबी के कदम: मनीराम जांगड़ा सहायक आयुक्त बने
भारतीय सेवा के अधिकारी मनीराम जांगड़ा नेअपनी मेट्रिक की पढाई अपने गांव लजवाना कलां, जिला जींद, हरियाणा के मनीराम जांगाडा सहायक आयुक।
चंडीगढ़: जीवन में अग्रसर होने की जिजीविषा प्रबल दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प ऐसे मूलमंत्र है जिनको आत्मसात करने से रास्ते में आने वाली सभी प्रकार की विघ्न और बाधाएं तिरोहित 8 होकर सफलता का परचम लहराने में भी सहायता मिलती है। जीवन में ऐसे ही आगे बढ़ने का जज्बा और जुनून लिए ऐसे ही एक होनहार व्यक्तित्व का नाम है मनीराम जांगड़ा। जिनकी पिछले महीने 15 जुलाई को ही पदोन्नति हुई है और उसके पश्चात वह भारतीय राजस्व सेवा, कस्टम एंड इनडायरेक्ट टैक्सीज यानी सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर में सहायक आयुक्त बन गए हैं। भारतीय सेवा के अधिकारी मनीराम जांगड़ा नेअपनी मेट्रिक की पढाई अपने गांव लजवाना कलां, जिला जींद, हरियाणा के मनीराम जांगाडा सहायक आयुक।
ऐसे शुरू हुआ कामयाबी का सफर
सरकारी उच्च विद्यालय से उत्तीर्ण की एवं उसके बाद हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार से वी एल डी ए का डिप्लोमा प्राप्त किया। तत्पश्चात सन् 1984 में हरियाणा के पशुपालन विभाग में वी एल डी ए के पद की तृतीय श्रेणी की नौकरी से शुरुआत की। लेकिन माता-पिता की प्रेरणा और भगवान के आशीर्वाद से उन्होंने जीवन में अग्रसर होने के लिए बड़े सपने लिये व सपनों को हकीकत में बदलने के लिए आगे पढ़ने का निश्चय किया और इसी क्रम में पहले नौकरी करते हुए मध्य प्रदेश सेकेण्डरी स्कूल बोर्ड से सन 1985 में पत्राचार के माध्यम से 12वीं कक्षा पास की और फिर 1987 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पत्राचार के माध्यम से स्नातक की डिग्री हासिल की और इसी दौरान सन 1986 में वह शादी के बंधन में भी बंध गए। इस सफर में उनकी धर्मपत्नी कमलेश जांगिड ने न केवल उनका साथ दिया अपितु जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
माता पिता का सपना किया साकार
28 अप्रैल 1965 को लजवाना कलां जिला जींद में पिता जिले सिंह जांगिड और माता कृष्णा देवी जांगिड के घर पैदा हुए मनीराम जांगिड ने बताया कि सभी माता-पिता की तरह उनके पिता की भी यह सद्इच्छा थी कि उनका बेटा भी एक दिन दूसरे अधिकारियों की तरह ही एक बड़ा अधिकारी बन कर समाज का नाम गौरवान्वित करे और मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैं अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने में सफल रहा हूं। मेरी मां श्रीमती कृष्णा जांगिड एक धार्मिक प्रवृत्ति की होने के साथ भगवान पर अगाध विश्वास और भरोसा रखने वाली है और उन्होंने मुझे हमेशा ही समाज के गरीब व्यक्तियों की यथा संभव सहायता करने का पाठ भी पढ़ाया है और जो संस्कार उन्होंने प्रदान किए है उनके परिणाम स्वरूप ही, चाहे जांगिड ब्राह्मण सभा चंडीगढ़ के भवन निर्माण का मामला हो या किसी भाई को हमारे विभाग से संबंधित कार्य हो या किसी गरीब की सहायता करने का सौभाग्य मिला है यह सब थोड़ा बहुत मैं अपने सामर्थ्य के अनुसार करने में सक्षम रहा हूं।
ऐसे हुआ कर्मचारी चयन आयोग चयन
उन्होंने बताया कि मेरे जीवन में कैरियर का सबसे पहला मोड़ उस समय आया जिस समय मैंने पहली बार कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 1989 में पेपर दिया और भगवान की कृपा से 21 फरवरी 1991 में केन्द्रीय आबकारी एवं कराधान विभाग में निरीक्षक के पद पर चंडीगढ़ जोन में नियुक्ति हुई और उसके उपरांत भारत-पाक बोर्डर पर जम्मू कश्मीर के सांभा में कस्टम पैरवैन्टिव स्टेशन पर नियुक्त कर दिया गया और वहां पर दो वर्ष तक सेवा की और 1993 में उनकी नियुक्ति चंडीगढ़ में हो गई। वह बाघा बॉर्डर पर भी तैनात रहे और इसके पश्चात 30 जून 2009 को उनकी पदोन्नति अधीक्षक के रूप में हो गई। सहायक आयुक्त ने बताया कि अब 15 जुलाई को मेरी पदोन्नति भारतीय राजस्व सेवा (आई. आर.एस.) प्रथम श्रेणी अधिकारी, सहायक आयुक्त के रूप में हो गई है जो कि केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अन्तर्गत आता है।
राज्यसभा सांसद रामचन्द्र जांगड़ा ने दी बधाई
राज्य सभा सांसद रामचन्द्र जांगड़ा और महासभा के प्रधान रामपाल शर्मा ने मनीराम जांगडा की पदोन्नति पर बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने ग्रामीण आंचल में पैदा होकर यह सिद्ध करके दिखलाया है कि अगर लक्ष्य महान है तो रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं अपने आप ही दूर हो जाती है और मंजिल अपने आप ही हासिल हो जायेगी और हम उसके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करते हुए उन्हें बधाई देते है।
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